महाराष्ट्र में उद्घव सरकार

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। ठाकरे ने मराठी भाषा में शपथ ली। भगवा रंग के कपड़ों में शपथ लेने पहुंचे उद्धव ठाकरे ने जैसे ही कहा, मी उद्धव बाला साहेब ठाकरे... वैसे ही पूरे शिवाजी पार्क में शिवसेना की तरफ से जोर से उद्घोष होने लगा।


मुंबई.


शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। ठाकरे ने मराठी भाषा में शपथ ली। भगवा रंग के कपड़ों में शपथ लेने पहुंचे उद्धव ठाकरे ने जैसे ही कहा, मी उद्धव बाला साहेब ठाकरे... वैसे ही पूरे शिवाजी पार्क में शिवसेना की तरफ से जोर से उद्घोष होने लगा। इस दौरान जबरदस्त आतिशबाजी भी देखने को मिली। आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे शिवसेना के तीसरे नेता, ठाकरे परिवार के पहले और राज्य के 19वें मुख्यमंत्री हैं।
शिवसेना के दो और नेताओं ने भी ली शपथ
उद्धव ठाकरे के साथ शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे और और सुभाष देसाई ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली। बता दें कि शिवसेना के ये दोनों नेता ही पूर्व की फडणवीस सरकार में भी मंत्री थे। शिंदे जहां ठाणे से आते हैं, वहीं देसाई कोकण क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
एनसीपी से पाटील और भुजबल ने ली शपथ
इसके बाद एनसीपी के जयंत पाटील ने मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली। पाटील 1999 से 2008 तक राज्य में वित्त, शिक्षा और ग्रामीण विकास मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं। पाटील के नाम सबसे ज्यादा 9 बजट पेश करने का रेकॉर्ड है। इसके बाद छगन भुजबल ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। छगन भुजबल एक समय शिवसेना के आक्रामक नेता हुआ करते थे, शिवसेना के विधायक और मुंबई के मेयर रहे। 1991 में उन्होंने शिवसेना को छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था। भुजबल को पिछड़ी जाति का मजबूत नेता माना जाता है। छगन भुजबल ऐसे नेता हैं, जो शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी में काम कर चुके हैं।
कांग्रेस से थोराट और नितिन राउत
इसके बाद कांग्रेस के विधायक दल के नेता बाला साहेब थोराट ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। थोराट महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। राज्य में राजस्व और कृषि मंत्री पद भी संभाल चुके हैं। इसके साथ कांग्रेस नेता नितिन राउत ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। नितिन राउत कांग्रेस की एससी यूनिट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। नागपुर नॉर्थ सीट से जीत दर्ज करने वाले नितिन पूर्व की सरकारों में भी कई पदों पर रह चुके हैं।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उद्धव ठाकरे को सीएम बनने पर बधाई दी। पीएम ने कहा, महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ लेने पर उद्धव ठाकरे को बधाई। मुझे भरोसा है कि वह महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए खूब मेहनत से काम करेंगे।
मंच पर दिखी विपक्षी एक- जुटता
शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचने वाले नेताओं में डीएमके प्रमुख स्टालिन, कांग्रेस नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खडग़े, केसी वेणुगोपाल, कपिल सिब्बल, कमलनाथ, सुशील शिंदे, अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, एनसीपी की सुप्रिया सुले, प्रफुल पटेल, शिवसेना के मनोहर जोशी, संजय राउत, एमएनएस के राज ठाकरे भी मौजूद थे। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस भी इस दौरान मौजूद थे।
आज लिखा इतिहास, कभी संपादक थे उद्धव
पार्टी के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के बाद पार्टी की कमान संभालने वाले उद्धव ठाकरे के लिए यह बड़ी जीत का पल है। उद्धव बाल केशव ठाकरे का जन्म 27 जुलाई 1960 को मुंबई में हुआ था। उन्हें 2003 में पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने से पहले शायद ही कोई जानता हो। राजनीति में कदम रखने से पहले उद्धव पार्टी के मुखपत्र सामना का काम देखते थे। उद्धव ठाकरे प्रोफेशनल फोटॉग्राफर और लेखक हैं। उनका काम दर्जनों पत्रिकाओं और किताबों में देखा जा सकता है।
बेटे को बनाया परिवार का पहला विधायक
उद्धव की शादी एक बिजनसमैन माधव पाटनकर की बेटी रश्मि से 13 दिसंबर 1989 को हुई थी। रश्मि ने 1987 में एलआईसी में काम करना शुरू किया जहां उनकी मुलाकात एमएनएस चीफ राज ठाकरे की बहन जयवंती से हुई। बाद में रश्मि उद्धव से मिलीं। शादी के बाद दोनों के दो बेटे- आदित्य और तेजस हुए। आदित्य जहां दादा बालासाहेब और पिता उद्धव ठाकरे के नक्शे कदम पर चलते हुए कम उम्र में ही राजनीति में आ गए, वहीं तेजस इससे ठीक उलट लाइमलाइट से दूर रहना पसंद करते हैं। आदित्य ऐसे पहले ठाकरे भी बन गए जिन्होंने चुनावी मैदान में कदम रखा और वर्ली विधानसभा सीट से विजयी हुए।
पहली बार दिलाई थी सफलता
2012 में बाल ठाकरे के निधन के बाद उद्धव शिवसेना के अध्यक्ष बने थे। उद्धव ठाकरे को पहली बार 2002 में बृहन मुंबई नगर निगम के चुनावों की जिम्मेदारी सौंपी गई और शिवसेना को इसमें भारी सफलता मिली। हालांकि, इस दौरान उद्धव ज्यादातर वक्त सामना को ही दे रहे थे। इसके बाद 2004 में बाल ठाकरे ने अपने भतीजे राज ठाकरे को दरकिनार करते हुए उद्धव ठाकरे को शिवसेना का अगला मुखिया घोषित कर दिया था।
पहले 40 साल नहीं थी कोई पहचान
उससे पहले, 2003 में उद्धव ठाकरे को शिवसेना का कार्यकारी अध्यक्ष घोषित कर दिया गया था। दिलचस्प बात यह है कि उद्धव अपनी जिंदगी के पहले 40 साल पार्टी से दूर रहे थे और उन्हें कोई नहीं जानता था। उद्धव के पार्टी का अध्यक्ष बनने से हर कोई हैरान था। तब तक माना जाता था कि उनके चचेरे भाई राज ठाकरे इस पद पर होंगे, लेकिन बालासाहेब के फैसले ने सबको हैरान कर दिया। राज ने बाद में अपनी खुद की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) बना ली। यहां तक कि पार्टी के सीनियर नेता और पूर्व सीएम नारायण राणे ने भी उद्धव से मतभेदों के चलते पार्टी छोड़ दी थी।
रुख बदला तो पाई कुर्सी
माना जाता है कि उद्धव ने पार्टी की कमान संभालने के बाद कट्टर हिंदुत्ववादी स्टैंड को नरम किया। शायद यही वजह रही कि कांग्रेस और एनसीपी जैसी पार्टियां विचारधारा में टकराव के बावजूद शिवसेना के साथ गठबंधन करने का फैसला कर सकीं। इस बार के विधानसभा चुनाव में पहली बार ठाकरे परिवार के किसी सदस्य (अपने बेटे आदित्य ठाकरे) को चुनाव के मैदान में उतारकर उन्होंने पहले ही दशकों पुरानी परंपरा तोड़ दी। अब सीएम पद संभालने के साथ ही पार्टी की रिमोट कंट्रोल राजनीति से बाहर आकर सत्ता चलाने की जो रीति उद्धव ने चलाई है, उस पर पूरे महाराष्ट्र की नजरें टिकी रहेंगी।
आखिर स्पीकर पर राजी हुई कांग्रेस
कांग्रेस ने विधानसभा स्पीकर के पद को स्वीकार कर लिया है और अब सीनियर विधायक नाना पटोले का नाम इसके लिए प्रस्तावित किया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और उद्धव ठाकरे संग कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने वाले बालासाहेब थोराट ने कहा कि नाना पटोले को स्पीकर के लिए उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया गया है।
महाराष्टï्र की सत्ता को लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच डेप्युटी सीएम और स्पीकर के पद को लेकर मची खींचतान खत्म होने की ओर है। कांग्रेस ने विधानसभा स्पीकर के पद को स्वीकार कर लिया है और अब सीनियर विधायक नाना पटोले का नाम इसके लिए प्रस्तावित किया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और उद्धव ठाकरे संग कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने वाले बालासाहेब थोराट ने कहा कि नाना पटोले को स्पीकर के लिए उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया गया है। इस बीच बीजेपी ने किसन कठोरे का नाम स्पीकर उम्मीदवार के तौर पर फाइनल किया है।
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के सीनियर लीडर पृथ्वीराज चव्हाण ने स्पीकर बनने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। कहा जा रहा था कि कांग्रेस स्पीकर की बजाय डेप्युटी सीएम के पद पर जोर दे रही है। हालांकि एनसीपी की राय कि कांग्रेस स्पीकर पद ले ले, जबकि वह अपने लिए डेप्युटी सीएम चाहती थी। गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे सरकार का शनिवार को ही फ्लोर टेस्ट है। इससे पहले शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि हमारे पास 170 के करीब विधायक हैं और हम आसानी से फ्लोर टेस्ट पास कर लेंगे।
अहम मंत्रालयों पर अब तक नहीं बनी सहमति
उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को 6 मंत्रियों संग शपथ ली थी। हालांकि अब तक तीनों दलों के बीच मंत्रालयों का बंटवारा नहीं हो सका है। इसी के चलते अभी तक सरकार के विस्तार पर भी फैसला नहीं हो सका है। कहा जा रहा है कि गृह मंत्रालय, शहरी विकास, रेवेन्यू जैसे अहम मंत्रालयों पर तीनों ही दलों की दावेदारी है और अब तक इस पर सहमति नहीं बनी है।
प्रोटेम स्पीकर बदलने पर भड़की बीजेपी
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा है कि उन्होंने कालिदास कोलम्बकर को प्रोटेम स्पीकर के पद से हटाकर दिलीप वलसे पाटील को यह जिम्मेदारी दी है। यह कानूनी तैर पर गलत है। शपथ भी सही ढंग से नहीं ली गई। हम गवर्नर से शिकायत करने जा रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी देंगे।